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About Deer in Hindi / Essay on Deer in Hindi

आज हमने हिरण पर निबंध लिखा है। हम आशा करते हैं कि हिरण पर हमारे द्वारा लिखा गया यह निबंध आपको अवश्य पसंद आएगा।

दुनिया में अनेक प्रकार के जानवर पाए जाते हैं जिनमें से कुछ बहुत प्यारे होते हैं। उन्ही प्यारे जानवरों में से एक हिरण भी है। हिरण देखने में न केवल अत्यंत ही आकर्षक लगता है बल्कि चंचल भी होता है, जिसके कारण वह मन को लुभाने वाले जानवरों की श्रेणी में आ जाता है।

About deer in hindi
About Deer in Hindi

हिरण एक जंगली जानवर है जो शाकाहारी प्रवृत्ति का होता है। यह केवल घास, पेड़ों की पत्तियां, पौधे एवं कुछ प्रकार के फल और फूल खाता है। हिरण की विश्व भर में लगभग 60 प्रजातियां पाई जाती हैं और यह अंटार्टिका को छोड़कर सभी जगह पर पाया जाता है।

हिरण की शारीरिक संरचना भी अन्य जंगली जानवरों की तरह होती है। हिरण के भी चार पांव, दो कान, दो आंखें, दो सींग और एक पूंछ होती है। हिरण का रंग हल्का भूरा होता है, जिसमें सफेद रंग के गोलाकार धब्बे होते हैं।



हिरण दौड़ने में बहुत ही तेज होता है और 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से दौड़ सकता है। वह 10 फुट लंबी छलांग लगाने में भी सक्षम होता है। इसके अलावा हिरण पानी में बहुत अच्छे से तैरना भी जानते हैं।

हिरण की आंखें देखने में इतनी सक्षम नहीं होती है परन्तु उसके सुनने की क्षमता अद्भुत होती है और वह 300° कोण तक देख सकता है। हिरण की आंखें हरा, संतरी और लाल रंग नहीं देख सकती हैं। हिरण पीला रंग कुछ हद तक देख सकता है परन्तु उसे नीला रंग बड़े अच्छे से दिखाई देता है। कुछ शोध के अनुसार हिरण पराबैंगनी किरणें तक देख सकता है।



हिरण की सूंघने की शक्ति अत्यंत ही अच्छी होती है। यह इतनी अच्छी है कि हिरण कुत्ते से भी अधिक अच्छे से सूंघ सकता है। मनुष्यों की तुलना में हिरण के पास सूंघने की शक्ति 800 गुणा अधिक है। यही नहीं, इसके अलावा हिरण एक बार में 6 अलग अलग तरह की गंध को एक साथ सूंघ सकता है। यह सूंघने की शक्ति ही उसे शिकारियों का शिकार होने से बचाने में सहायता प्रदान करती है।

हिरण की सूंघने की शक्ति की तरह उसकी सुनने की शक्ति भी बहुत अच्छी होती है। हिरण बिना अपना सिर घुमाए अपने कानों को किसी भी दिशा की तरफ कर सकता है। इसका सबसे अधिक लाभ हिरण को भोजन करते समय मिलता है। जब वह घास या पत्तियां खा रहा होता है, तब उसकी आंखें भी भोजन पर केन्द्रित होती है परंतु कान बार-बार अलग-अलग दिशा में हिलते रहते हैं, जिससे वह अपने आसपास शिकारियों के होने का पता आसानी से लगा सकता है।

हिरण की औसत आयु 20 वर्ष होती है, जिसमें वह प्रथम वर्ष अपनी मां के साथ ही रहता है और इस समय उसकी मां ही उसकी देखभाल करती है। हालांकि, हिरण का बच्चा पैदा होने के कुछ समय पश्चात ही अपने पैरों पर खड़ा होकर चलने लगता है परंतु इस समय वह शिकारियों से स्वयं की रक्षा करने में असमर्थ होता है।

प्रत्येक वर्ष हिरण के पुराने सींग गिर जाते हैं और उसके स्थान पर नए सींग आ जाते हैं। हिरण के सींगो का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयां और सजावटी वस्तुएं बनाने में होता है।