[कहानी] नीले सियार की कहानी / Nile Siyar ki Kahani
एक बार की बात है, एक सियार भोजन की खोज करते करते पास के नगर में आ पहुंचा। नगर के कुत्तों ने सियार को देखते ही भौंककर उसका पीछा करना शुरू कर दिया और तेजी से उसका पीछा करने लगे।
भूख से व्याकुल सियार को कुछ समझ नहीं आ रहा था और वह कुत्तों से अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगा। सियार भागते भागते एक रंगरेज के घर में आ गया और रंगरेज के घर में पहुंचते ही उसे सामने एक बड़ा सा नील के रंग से भरा हुआ वरतन दिखाई दिया।
इससे पहले कि वह बचने का कोई और उपाय सोच पाता कि तभी वहां आसपास से कुत्तों के भौंकने की आवाज आई। जैसे ही सियार ने वह आवाज सुनी तो वह तुरंत उस बड़े से वरतन मे घुस गया।
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Nile Siyar ki Kahani |
थोड़े समय तक नील से भरे हुए वरतन के अंदर रहने के बाद जब सब कुछ शांत हो गया तब सियार बड़ी सतर्कता के साथ उस वरतन से बाहर आया। नील के वरतन से बाहर आने के बाद वह तुरंत जंगल की ओर भूखे पेट ही लौट गया।
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जंगल की तरफ लौटते समय उसका ध्यान अपने शरीर पर गया और उसने देखा कि उसका रंग पूर्णतः नीला हो चुका है। अपने शरीर का रंग देखकर उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और वह आगे के सफर में भी इसी बारे में सोचते सोचते आगे बड़ता गया।
सियार के जंगल में पहुंचते ही कोई भी जानवर जो भी सियार को देखता वह डर जाता और सोचता कि यह विचित्र प्राणी कौन सा है और कहां से आया है?
सियार ने जब अन्य जानवरों को डरते देखा तो उसके मन में एक उपाय सूझा और उसने डरकर भागते हुए जानवरों से कहा,"तुम लोग मुझे देख कर भागो मत। मैं तुम लोगों कुछ कहना चाहता हूं।"
सियार के इतना कहते ही जो जानवर भाग रहे थे, वे सभी रुक गए। उनके रुकने के बाद सियार ने उनसे कहा,"मैं तुम्हें अपने बारे में सब कुछ बताऊंगा परंतु उससे पहले तुम जंगल के अन्य सभी जानवरों को यहां मेरे समक्ष उपस्थित करो। उसके बाद ही मैं तुम सभी को अपना परिचय दूंगा।"
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सियार की बात मानकर वे जानवर अन्य सभी जानवरों को वहां एकत्रित करने में जुट गए और थोड़े समय बाद ही वहां जंगल के सभी जानवर एकत्रित हो गए।
सभी के वहां एकत्रित होने के बाद सियार ने सभी जानवरों से कहा,"जैसा कि तुम सभी जानवर जानते हो कि तुम्हारा कोई भी राजा नहीं है, इसलिए भगवान ने मुझे तुम्हारा राजा घोषित करके यहां भेजा है। मैं अन्य जानवरों से थोड़ा भिन्न दिखाई दूं इसलिए मुझे नीले रंग का बनाया है और आज से पूर्व तुमने मेरे जैसा जानवर भी कभी नहीं देखा होगा।
सियार द्वारा इतना कहते ही किसी भी जानवर में उसका विरोध करने की हिम्मत ना हुई और सभी जानवरों ने उसकी बात को बिल्कुल स्पष्ट रूप से सत्य मान लिया। सभी जानवर उसकी जय-जयकार करने लगे और सियार उस जंगल का राजा बन गया।
राजा बनने के बाद सियार जो कुछ भी आदेश देता, अन्य जानवर उसका वह आदेश पूरा करते। उसके आदेश को कोई भी मना नहीं करता और हमेशा उसकी सेवा में ही सभी जानवर लगे रहते। इस प्रकार से सियार की मौज आ गई और उसका जीवन भी पहले की तरह ना रहकर बल्कि सचमुच एक राजा के जैसा हो गया।
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कुछ दिनों बाद जब वह रात को विश्राम कर रहा था, तभी उसे अन्य सियारों के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। जैसे ही वह अन्य सियारों के चिल्लाने की आवाज को सुनता है, तो वह खुद को भी चिल्लाने से नहीं रोक पाता है। वह तुरंत चांद की तरफ अपना मुंह ऊपर करके अन्य सियारों की तरह चिल्लाने लगता है। उसे चिल्लाता देख जंगल के सभी जानवर समझ जाते हैं कि यह तो सियार है, जो हम सभी को मूर्ख बना रहा है।
उसकी सच्चाई पता लगने के बाद सभी जानवर गुस्से से उसकी तरफ देखते हैं और सियार भी उन्हें देखकर समझ जाता है कि उसका भेद अब खुल चुका है। वह जैसे ही भागने का प्रयास करता है, वैसे ही तुरंत शेर उसके पास पीछे से आ जाता है और उसे वहीं खत्म कर देता है।
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