घड़ी की आत्मकथा इन हिंदी / Ghadi ki atmakatha in hindi
मैं घड़ी हूं जो इंसान को समय बताती है। मनुष्य मेरी मदद से ही वक़्त का अंदाजा लगा पाता है। चाहे दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी मैं 24 घंटे अपना काम करती रहती हूं। मुझे इसलिए ही बनाया गया है ताकि जब भी मेरे मालिक को वक्त जानना हो तो मैं उन्हें उस वक्त का विवरण दे सकूं।
मुझे मेरे मालिक ने आज से 6 महीने पहले खरीदा था। उस वक्त मेरी उम्र सिर्फ 22 दिन की थी। मगर तब भी मैं काम करने में पूर्ण रूप से समर्थ थी जैसे कि आज हूं। मेरा कोई बचपन नहीं था क्योंकि फैक्ट्रियों से मैं सीधा बड़े होकर ही निकली थी।
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जब मैं शुरू में अपने मालिक द्वारा उपयोग की गई थी तब मेरा मालिक मेरा ख्याल बहुत अच्छे से रखता था। वे मुझे कुछ देर में निहारते रहते थे। मगर जैसे-जैसे समय बीतने लगा उनका मुझ पर ध्यान केंद्रित होना कम सा हो गया और अब वे मुझे दिन में सिर्फ तीन से चार बार ही देखते हैं।
यह इसलिए भी हुआ क्योंकि मुझे लाने के कुछ दिनों बाद उन्होंने अपने दूसरे कमरे में एक नई घड़ी लाकर रख दी थी। इसके कारण उन्हें बार-बार मेरा इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है और उनके हाथ में भी एक घड़ी रहती है जिसका इस्तेमाल वे बाहर जाते वक़्त करते हैं।
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मेरा इस्तेमाल सिर्फ मेरे मालिक ही नहीं करते बल्कि कोई भी मेरा इस्तेमाल कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति घर पर आता है तो वह भी मुझे देखकर समय की वर्तमान स्थिति का पता लगा लेता है। मैं उसको भी बिल्कुल वैसा ही समय दिखाती हूं जैसे कि अपने मालिक को।
आजकल लोग मेरा इस्तेमाल कम करते जा रहे हैं क्योंकि आज उनके पास मोबाइल फोन है जिसके माध्यम से वह समय बड़ी आसानी से समय देख सकते हैं और इसके अलावा भी मोबाइल फोन से अन्य काम किए जा सकते हैं। लेकिन मुझ में भी समय के साथ बहुत बड़ा बदलाव आया है और मेरी ही एक नई प्रजाति स्मार्ट वॉच बाजार में आ चुकी है। यह सिर्फ समय ही नहीं बताती बल्कि अन्य अलग चीजें भी बताती है जैसे तापमान आदि। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में भी हमारा उपयोग किया जाएगा और हम घड़ियां कभी भी विलुप्त होने की कगार पर नहीं पहुंचेंगी।