चिड़िया की आत्मकथा इन हिंदी / Chidiya ki Atmakatha in Hindi
मैं एक चिड़िया हूं जिसे अक्सर आप आसमान में उड़ते हुए देखते होंगे और किसी डाल पर बैठकर मैं आपको बहुत अच्छी लगती हुंगी। मेरा जन्म आज से कुछ समय पहले हुआ था। उस वक्त मैं अपनी मां के साथ ही रहती थी और भोजन की व्यवस्था भी मेरी मां द्वारा ही की जाती थी।
मां मुझे घोंसले से बाहर जाने की अनुमति नहीं देती थी और हमेशा घोसले में ही रहने को कहती थी। पहले मुझे यह बात बहुत अजीब लगती थी कि मैं बाहर क्यों नहीं जा सकती। परंतु जैसे-जैसे मैं बड़े होने लगी, मुझे समझ में आने लगा कि मैं अपनी मां की तरह बाहर क्यों नहीं जा सकती हूं।
बचपन में चंचल मन होने के कारण मेरा मन भी आकाश में उड़ने को बहुत करता था परंतु मां के आदेश के कारण मैं अपना मन मार लिया करती थी। मैं यह सोचती थी कि कब मैं भी और पंछियों की तरह आकाश में उड़ पाऊंगी और अपने बल पर भोजन को प्राप्त कर पाऊंगी।
Read also: Kutte ki atmakatha essay in hindi
Read also: Ped ki atmakatha in hindi
उपरोक्त सभी चीजों के बावजूद भी मेरा बचपन आज से कहीं ज्यादा अच्छा था। बचपन में मुझे कोई फिक्र नहीं थी। यहां तक कि भोजन की व्यवस्था कैसे होगी इस बात की फिक्र भी नहीं होती थी क्योंकि मुझे पूर्ण विश्वास था कि मेरी मां भोजन का कुछ ना कुछ इंतजाम कर देगी।
आज मैं उड़ तो सकती हूं और खुद भोजन की व्यवस्था भी करने में समर्थ हूं मगर फिर भी आज बचपन के जैसा आनंद नहीं आता। वो दिन ही कुछ और थे जब मैं बेफिक्र थी और अपने घोसले को छोड़ कर पूरी दुनिया को देखकर आकर्षित होती थी। आसमान मैं मेरे जैसे उड़ते पंछी मुझे इतना आकर्षित कर देते थे कि मैं अपने आप को दुनिया का सबसे बदकिस्मत जीव समझती थी। पर मुझे उस वक्त क्या पता था कि मैं ख्वाब में थी और स्वर्ग जैसा मां के आंचल में भी।
Read also: Autobiography of a Flower in hindi
Read also: Autobiography of a Dustbin in hindi
Read also: Autobiography of a Flower in hindi
Read also: Autobiography of a Dustbin in hindi
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
*Hindi Range * ने आपके लिए कुछ खास 🎁भेजा है
*नीचे दी गई रेड लाइन को क्लिक करें*🙏
👇👇👇👇