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Essay on newspaper in hindi - समाचार पत्र पर निबंध हिंदी में

दोस्तों, आज हमने समाचार पत्र पर निबंध लिखा है जो कि क्रमशः 100 words, 150 words, 250 words, 300 words, 500 words और 700 words का है। नीचे लिखे गए निबंधों में हमने समाचार पत्र का महत्व, समाचार पत्रों की शुरुआत, समाचार पत्रों का इतिहास, समाचार पत्रों के लाभ आदि चीजों पर ध्यान केंद्रित किया है।

Essay on newspaper in hindi
Samachar Patra par nibandh

Essay on Samachar patra in hindi (100 words)

समाचार पत्र हमारी जिंदगी की महत्वपर्ण चीजों में से एक है। प्रत्येक दिन हम इसका इस्तेमाल करते हैं। यह हमें हमारे आस पास की खबरों के साथ साथ देश विदेश की खबरों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है। समाचार पत्र हमें हर क्षेत्र की खबर  बराबर प्रदान करता है। चाहे खेल का क्षेत्र हो या राजनीति का या फिर क्षेत्र तकनीकी हो समाचार पत्र अपना काम बखूबी निभाते हैं।

आज के समय में समाचार पत्र हमें वर्तमान में होने वाली सभी घटनाओं का वर्णन प्रदान करने के साथ  हमारा ज्ञान भी बढ़ाते हैं। अतः समाचार पत्र हमारे जीवन का एक महत्वपर्ण अंग बन चुका है जिसके बिना हम अधूरे हैं।

Essay on Samachar patra in hindi (150 words)

आज के समय में समाचार पत्र का अलग महत्व बन चुका है। किसी भी घटना के बारे में जानकारी हमें समाचार पत्र के माध्यम से मिल ही जाती है। समाचार पत्र हमें हर घटना का स्पष्टीकरण बड़े सहज रूप से प्रदान कर देता है।



समाचार पत्र की एक खासियत यह भी है कि यह अपने मूल्य की तुलना में हमें अधिक खबरें प्रदान करता है। यही कारण है कि अधिकतर लोग सुबह समाचार पत्र सुबह पढ़ना पसंद करते हैं। इसके अलावा समाचार पत्र आपके ज्ञान को भी बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। यह हमें हर क्षेत्र की खबर प्रदान करता है जिससे नए क्षेत्रों के बारे में हमारा ज्ञान बढ़ता है और जिन क्षेत्रों के बारे में हम जानते हैं उसकी वर्तमान स्थिति का पता रहता है।

समाचार पत्र पढ़ने से हमें अपने आस पास की जानकारी के अलावा देश विदेश की भी जानकारी मिलती है जिसकी मदद से हम वर्तमान की स्थिति से अवगत रहते हैं।

Essay on Samachar patra in hindi (250 words)

वर्तमान में समाचार पत्र की हमारी जिंदगी में एक महत्वूर्ण भूमिका बन चुकी है। यह हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वूर्ण चीजों में से एक बन चुका है। हम सुबह अपने सारे अन्य कार्य छोड़कर समाचार पत्र पढ़ना पसंद करते हैं। यह हमारे समाचार पत्र के  प्रति लगाव को भी दर्शाता है। समाचार पत्र में अनेक खबरें होती हैं जो अनेक क्षेत्रों से संबंधित होती हैं।



समाचार पत्र भी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होते हैं। सभी अपनी पसंदीदा भाषा के अनुसार समाचार पत्र का चयन करते हैं। समाचार पत्र किसी भी भाषा में हो लेकिन समाचार पत्र का उद्देश्य हमेशा एक ही रहता है सही और ज्ञानवर्धक खबर देना। इसके अलावा लोगो के अलग अलग पसंदीदा क्षेत्र होते हैं जैसे किसी को तकनीकी खबर पसंद है तो किसी को खेल से संबंधित। कोई सिर्फ राजनीति से संबंधित खबरें पढ़ता है तो कोई सिर्फ बिजनेस से संबंधित खबरें। यह चयन भी पढ़ने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है।

भारत में समाचार पत्र अंग्रेज़ो द्वारा लाया गया है। उससे पहले भारत में समाचार पत्र नहीं हुआ करते थे। भारत का सबसे पहला समाचार पत्र "दी बंगाल गैजेट" कोलकाता में सन् 1780 में प्रकाशित किया गया और इसके संपादक जेम्स हिक्की थे। इसके बाद भारत में समाचार पत्रों की प्रसिद्धि बढ़ने लगी और यही कारण है कि आज भारत में अनेक समाचार पत्र उपलब्ध हैं।


समाचार पत्र रोज पढ़ने से हमें वर्तमान में हो रही घटनाओं की स्पष्ट जानकारी मिलती है। समाचार पत्र रोज पढ़ने का एक फायदा और भी है कि इससे हमारे ज्ञान को अध्ययन करने और समझने की क्षमता में भी वृद्धि होती है।

Essay on Samachar patra in hindi (300 words)

प्रस्तावना

समाचार पत्र आज सूचनाओं के बारे में जानकारी पाने का सबसे सरल माध्यम बन गए हैं। समाचार पत्रों से वर्तमान में चल रही घटनाओं की जानकारी हम हर रोज प्राप्त करते हैं। सुबह सुबह लोग सबसे पहले अन्य कार्यों को छोड़कर समाचार पत्र पढ़ना पसंद करते हैं ताकि वह अपने गांव या शहर, देश और दुनिया की पूरी खबर रखें। समाचार पत्र हमें अनेक क्षेत्र जैसे राजनीति, खेल, तकनीकी, अर्थशास्त्र और फिल्म जगत से संबंधित आदि क्षेत्रों की खबरें प्रदान करते हैं।

समाचार पत्र की शुरुआत

समाचार पत्र की शुरुआत सबसे पहले इटली के बेसिन नामक जगह से 16वीं शताब्दी में हुई। बाद में समाचार पत्र विख्यात होते गए और दुनिया भर में इनकी सरहाना की जाने लगी। इसकी प्रसिद्धि इतनी बड़ी कि इसे दूसरे देशों ने अपनाना शुरू कर दिया। लेकिन समाचार पत्रों ने असल में और ज्यादा प्रसिद्धि तब पाई जब 17वीं शताब्दी के प्रारंभ में इसे इंग्लैंड ने अपनाना शुरू कर दिया।
 भारत में समाचार पत्र का आगमन सबसे पहले अंग्रेजो के शासन काल में हुआ। भारत का सबसे पहला समाचार पत्र कोलकाता में 1780ई. मे 'दी बंगाल गैजेट' के नाम से प्रकाशित किया गया। इस समाचार पत्र का संपादन जेम्स हिक्की के द्वारा किया गया। इसके बाद और देशों की तरह भारत में भी समाचार पत्र की लोकप्रियता बढ़ने लगी और आज भारत में अनेक प्रकार के समाचार पत्र मौजूद हैं।

उपसंहार

समाचार पत्र रोज पढ़ने से ज्ञान में वृद्धि होती है। यह हमारी समझने और अध्यन करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। समाचार पत्र हमें वर्तमान की अलग अलग क्षेत्रों की घटनाओं से संबंधित सूचना प्रदान करता है। समाचार पत्र हर उम्र के लिए होती है। चाहे कोई छोटा हो या बड़ा समाचार पत्र हर किसी के लिए कुछ ना कुछ खबर उपलब्ध होती ही है। समाचार पत्र का अध्यन रोज करने से हमें देश और दुनिया की वर्तमान स्थिति का पता रहता है।

Essay on Samachar patra in hindi (500 words)

प्रस्तावना

समाचार पत्र आज हमारी रोजाना की जिंदगी में एक अहम भूमिका निभा रहा है। हमें यदि किसी भी खबर के बारे में जानकारी प्राप्त करनी हो तो हम समाचार पत्र के माध्यम से बड़ी आसानी से कर सकते हैं। चाहे खबर का क्षेत्र कोई भी हो समाचार पत्र हमें उसके बारे में पूरी जानकारी दे देते हैं। समाचार पत्रों में अनेक तरह के क्षेत्रों से संबंधित सूचना होती है। यह सूचना इतनी सरल भाषा में होती है कि जिसे एक आम व्यक्ति भी आसानी से समझ सकता है। समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली खबरें बिल्कुल पुख्ता जानकारी के आधार पर होती है जिससे समाचार पत्र पर हमारा विश्वास और भी बढ़ जाता है।

समाचार पत्रों का इतिहास

समाचार पत्र का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। समाचार पत्र का प्रचलन सर्वप्रथम 16वीं शताब्दी में इटली के बेसिन जगह से हुआ है। समाचार पत्र सूचना प्रदान करने का इतना अच्छा माध्यम बना कि बाद में इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी और इसका प्रचलन दुनिया के अन्य जगहों पर भी होने लगा। समाचार पत्र को असली प्रसिद्धि तब मिली जब ये 17वीं शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लैंड में प्रचलित हुआ और उसके बाद इसकी प्रसिद्धता में दिन दोगुनी रात चौगुनी की रफ्तार से वृद्धि हुई।
इतना ही नहीं इसके प्रचलित या प्रसिद्ध होने का दूसरा कारण इसका मूल्य भी है जिसे हर कोई खरीद सकता है और इसके साथ इसमें खबरें भी इतनी होती हैं जिससे पढ़ने वाला इसे खरीदना अपने पैसों की बर्बादी नहीं समझता बल्कि इसे उपयोगी ही समझता है। यही कारण है कि समाचार पत्र आज दुनिया भर में हर जगह प्रचलित हो चुके हैं और हर देश में इन्हे उपयोग किया जा रहा है।

भारत में समाचार पत्रों की शुरुआत

भारत में समाचार पत्रों का प्रचलन 18वीं शताब्दी में अंग्रेजी हुकूमत के अन्तर्गत हुआ। उससे पहले और देशों की तरह भारत में भी समाचार पत्र नाम की कोई वस्तु नहीं थी। 'दी बंगाल गैजेट' भारत का सबसे पहला समाचार पत्र कोलकाता में 1780ई. में जेम्स हिक्की के संपादन में छापा गया।

समाचार पत्र की भाषा

समाचार पत्र को कोई भी भाषा जानने वाला व्यक्ति पढ़ सकता है। समाचार पत्र अनेक भाषाओं में उपलब्ध होते हैं जिससे पढ़ने वाला अपनी इच्छा के अनुसार अपनी समाचार पत्र की भाषा का चयन कर सकता है। इससे सूचना हर जगह चाहे शहर हो या गांव तक बड़ी आसानी से पहुंच जाती है।

उपसंहार

आज के युग में समाचार पत्र का एक अलग ही महत्व बन चुका है। समाचार पत्र रोज पढ़ने के बहुत सारे फायदे हैं। समाचार पत्र रोज पढ़ने से हमें हमारे देश और यहां तक की दुनिया की स्तिथि का सठिक अंदाजा हो जाता है। हमें अन्य क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है जिससे हमारा नए क्षेत्रों के प्रति ज्ञान भी बढ़ता है। नए क्षेत्रों के बारे में जानने के बाद हमारा उन नए क्षेत्रों के प्रति भी लगाव होने लगता है और फिर हम उस क्षेत्र की खबरें प्रतिदिन पढ़ने लगते हैं। इसके अलावा समाचार पत्र प्रतिदिन पढ़ने का एक फायदा यह भी है कि यह हमारी अध्यन करने की क्षमता को बढ़ाने के साथ सीखने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इससे हम उस भाषा को और अच्छे से समझ और लिख पाते हैं।

Essay on Samachar patra in hindi (700 words)

प्रस्तावना

समाचार पत्र सूचना पहुंचाने या प्रदान करने का एक सरल माध्यम है। समाचार पत्र का उपयोग हम प्रतिदिन अपने आस पास, देश और दुनिया की खबर को जानने के लिए करते हैं। समाचार पत्र हमें सभी क्षेत्रों की खबर संपूर्ण जानकारी के साथ देता है। समाचार पत्र की भाषा एकदम सहज और सरल होती है ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके। समाचार पत्र हर उम्र के लोगों के लिए होता है चाहे कोई छोटा हो तो उसके लिए भी कुछ ना कुछ खबर होती है या फिर कोई कितना ही बड़ा क्यूं ना हो उसके काम की भी कोई न कोई खबर जरूर होती है। इस तरह समाचार पत्र हर किसी के लिए उपयोगी होते हैं। समाचार पत्र में अनेक क्षेत्र होते हैं और ये क्षेत्र इतने सारे होते हैं जिससे पढ़ने वाले के पास पढ़ने के लिए अनेक विकल्प होते हैं। समाचार पत्र का मूल्य इतना कम होता है कि इसका मूल्य समाचार पत्र में दी गई अलग अलग क्षेत्रों की सूचनाओं के सामने कुछ भी नहीं है। समाचार पत्र में राजनैतिक, खेल, तकनीकी, अर्थशास्त्र, भोजन, व्यापार, रोजगार एवं फिल्म जगत से संबंधित आदि क्षेत्र आते हैं। इतने सारे क्षेत्र होने के कारण समाचार पत्र को खरीदने वाला व्यक्ति समाचार पत्र को खरीदना अपने पैसों की बर्बादी नहीं समझता बल्कि पैसों का सही इस्तेमाल ही मानता है।

समाचार पत्र के लाभ

समाचार पत्र पढ़ने के अनेक लाभ हैं। यह न सिर्फ आपको देश विदेश की घटनाओं का वर्णन देते हैं बल्कि आपको एक सजग व्यक्ति भी बनाते हैं। समाचार पत्र की खबरें हमें जागरूक करने में मदद करती हैं। यह हमें अलग अलग क्षेत्रों में चल रही घटनाओं का वर्णन बिल्कुल सही जानकारी के साथ प्रदान करते हैं जिससे हम हर क्षेत्र का ज्ञान अर्जित करने लगते हैं। कई लोग समाचार पत्र में सिर्फ अपने कार्य से संबंधित क्षेत्र ही पढ़ना पसंद करते हैं जैसे व्यापारी वर्ग मख्यतः समाचार पत्र में व्यापार से संबंधित खबरें ही देखते हैं ताकि वह बाजार में हो रही गतिविधि पर नजर रख सकें। वैसे ही युवा वर्ग जो बेरोजगार हैं वो अपने लिए नौकरी के स्वर्णिम अवसर देखते हैं और अपनी पढ़ाई के अनुसार नौकरी के लिए आवेदन भी करते हैं। इसके अलावा समाचार पत्र में गृहिणी खाने से संबंधित खबरें देखती हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ खेल संबंधित खबरें ही पसंद होती है और कुछ ऐसे भी जो सिर्फ तकनीकी खबर ही देखना पसंद करते हैं। इन सभी के अलावा पढ़ने वालों का एक वर्ग ऐसा भी है जो सारे क्षेत्रों की खबरों को बड़े ध्यान से पढ़ता है और सभी क्षेत्रों की जानकारी अर्जित कर अपना ज्ञान बढ़ाता है।

समाचार पत्र के नुकसान

समाचार पत्र के इतने अत्यधिक फायदे होने के साथ कुछ नुकसान भी हैं। कुछ समाचार पत्र ऐसे भी होते हैं जो अपने समाचार पत्रों में झूठी खबरें छापकर लोगो को बहकाने का भरसक प्रयत्न करते हैं। बिल्कुल इसी तरह कुछ ऐसे समाचार पत्र भी होते हैं जो समाज में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके कारण समाज में सामाजिक अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो जाता है।
 इसके अलावा कुछ ऐसे समाचार पत्र भी होते हैं जो सरकार की सही नीतियों को जनता के समक्ष कभी कभी गलत रूप से प्रस्तुत करते हैं। इससे राजनैतिक अस्थिरता उत्पन्न होती है।

समाचार पत्र के प्रकार

समाचार पत्रों के प्रकार की बात करें तो ये बहुत प्रकार के होते हैं। इनका यह विभाजन इनके प्रकाशित होने की अवधि के हिसाब से होता है। कुछ समाचार पत्र प्रतिदिन प्रकाशित होते हैं तो कुछ हफ्ते में दो बार जिन्हें अर्द्ध साप्ताहिक समाचार पत्र कहा जाता है। इसी प्रकार साप्ताहिक (सप्ताह में एक बार प्रकाशित होने वाला), अर्द्ध मासिक (महीने में दो बार प्रकाशित होने वाला), मासिक (महीने में सिर्फ एक बार प्रकाशित होने वाला) प्रकार के समाचार पत्र भी होते हैं।
 इसके अलावा 'मैगज़ीन' भी समाचार पत्रों का ही एक प्रकार होता है। लेकिन मैगज़ीन किसी एक क्षेत्र से संबंधित होती है।

उपसंहार

समाचार पत्र समाज में एक अहम भूमिका निभाते हैं। यह हमारे देश और दुनिया से जुड़ी खबरें देते हैं जिससे समाज को वर्तमान में हो रही गतिविधियों के बारे में जानकारी रहती है और इसके कारण समाज में जारूकता भी बनी रहती है।
 समाचार पत्र प्रतिदिन पढ़ने का एक फायदा यह भी होता है कि इससे हमारी भाषा अध्यन करने और समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। हमें नए विषयों यानी नए क्षेत्रों का ज्ञान भी प्राप्त होता है जिससे हम नए क्षेत्रों या विषयों के बारे में भी जानना शुरू कर देते हैं।