Autobiography of Flower in Hindi/ फूल की आत्मकथा इन हिंदी
मैं एक फूल हूं जिसे आप जब सुबह सुबह देखते हैं तो आपका मन प्रसन्न हो जाता है। मुझ पर पड़ी ओस सुबह मेरे रूप को और भी निखार देती है। मुझे भी सुबह के वातावण से उतनी ही प्रसन्नता होती है जितना की मनुष्यों को। चहचहाते हुए पंक्षी, उड़ती हुई तितलियां और सुबह की आनंदपूर्ण हवा ये सब मेरा मन भी मोह लेते हैं।
मैं अनेक रंगो में पाया जाता हूं। यही कारण है कि मनुष्य और अन्य कीट मेरी तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं। आकर्षित होने का दूसरा कारण मुझसे निकलने वाली सुगंधित खुशबू भी है। यह भी मनुष्य और कीट दोनों को मेरी तरफ आकर्षित करती हैं।
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फूल की आत्मकथा इन हिंदी |
मैं बाग बगीचों की शान बड़ाने के अलावा और काम भी आता हूं। महापुरुषों के सम्मान, शादी, धार्मिक कार्यों आदि में मुझे इस्तेमाल किया जाता है। मेरी माला बनाकर जब ऐसे कार्य लिए जाते हैं तो मैं उस पल को अपने जीवन का सबसे अच्छा समय मानता हूं।
शहीदों के सम्मान में भी मेरा उपयोग होता है। जवान के शहीद होने पर मेरी माला बनाकर शहीद के सम्मान के लिए उपयोग की जाती है। यह मेरे लिए सबसे ज्यादा सम्मानजनक पल होता है कि मैं एक शहीद के सम्मान में उपयोग किया जा रहा हूं और इससे अच्छा सम्मानजनक पल मेरे लिए कोई और नहीं हो सकता।
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तब भी मेरा उपयोग किया जाता है। मृत व्यक्ति को मेरी माला पहनाई जाती है और शमशान तक की अंतिम यात्रा में मुझसे बनी हुई माला व्यक्ति के गले में रहती है।
मुझे शादी के वक्त भी इस्तेमाल में लाया जाता है। शादी में दूल्हा दुल्हन एक दूसरे को मेरी माला पहनाते हैं। मुझे यह सोचकर बड़ा आनंद मिलता है कि मैं दो लोगो को जोड़ने के काम आ रहा हूं।
मैं अनेक रंगो में पाया जाता हूं। यही कारण है कि मनुष्य और अन्य कीट मेरी तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं। आकर्षित होने का दूसरा कारण मुझसे निकलने वाली सुगंधित खुशबू भी है। यह भी मनुष्य और कीट दोनों को मेरी तरफ आकर्षित करती हैं।
मैं सिर्फ मनुष्यों के ही नहीं बल्कि कीटों के भी बहुत काम आता हूं। मधुमकखियां मेरा रस से अपना भोजन प्राप्त करती हैं। बाद में इस रस से शहद बनता है जिसे मनुष्यों द्वारा उपयोग किया जाता है।
लेकिन मुझे तब बुरा लगता है जब कोई मुझे बेवजह तोड़ देता है। तोड़ने के कुछ देर बाद मुझे फेंक दिया जाता है और बाद में मैं मुरझा जाता हूं। मुझे यूं बेवजह तोड़ने से जहां पर मैं पहले शोभा बड़ा रहा था वहां की भी शोभा कम हो जाती है। अतः मुझे बेवजह तोड़ने वाले व्यक्ति बिल्कुल पसंद नहीं है।