कुत्ते पर निबंध / About dogs in Hindi
यह बात तो आप सब जानतें हैं कि कुत्ता एक समझदार जानवर होता है लेकिन अभी भी बहुत सी बातें लोग कुत्तों के बारे में नहीं जानतें हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि कुत्ता एक वफादार और उपयोगी जानवर है। इसे बच्चो के साथ खेलना बहुत पसंद है एवं घर का ध्यान रखना भी अच्छे से जानता है।
Essay on dog in hindi ( 10 lines )
कुत्ते पर निबंध हिंदी में
1. कुत्ता एक वफादार जानवर होता है जिसकी दो आंखें, दो कान, चार पैर और एक नाक होती है।
2. यह मुख्यत: काले, भूरे, सफेद इत्यादि रंगो में पाए जाते हैं।
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About dogs in hindi |
4. इसकी अनेक नस्ले होती है।
5. इसकी सुनने की क्षमता अधिक होती है जिसके कारण यह थोड़ी-सी हलचल को भी भांप लेता है।
6. वफादार होने के कारण यह घरों में सबसे ज्यादा पाले जाने वाला जानवर है।
7. इसकी उम्र लगभग 10-13 वर्ष की होती है।
8. कुत्ता विश्व की सभी जगह में पाया जाता है।
9. यह अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की मदद भी करता है।
10. ये दौड़ने में भी बहुत तेज होते हैं।
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Dog essay in hindi (कुत्ते पर निबंध)
आज से लगभग 40 हजार साल पहले ही इंसान ने कुत्ते को पालना शुरु कर दिया था। कुत्ता एक वफादार जानवर होने के साथ समझदार भी होता है इसलिए यह आज भी घरों में पाले जाने वाले जानवरों में पहली पसंद बना हुआ है।कुत्ते और भेड़िए में बहुत समानताएं होती है क्योंकि दोनों के वंशज एक ही थे। इसी वजह से इनका डीएनए आज भी 99% तक मिलता है और इन दोनों का वैज्ञानिक नाम भी एक समान है।
इनका ब्लड ग्रुप भी 13 अलग-अलग प्रकार का होता है जबकि मनुष्य का ब्लड ग्रुप सिर्फ चार प्रकार का होता है जो इस प्रकार से है A, B, AB, O एवं कुत्ते की शारीरिक संरचना भी अलग-अलग होती है। इनकी शारीरिक संरचना इनकी नसल पर निर्भर करती है।
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जैसा की आप सब जानते हैं कि कुत्ता एक चार पैर वाला जीव है जिसकी दो आंखें, दो कान, एक नाक, एक पूछ और तेज दांत के साथ तेज नाखून होते हैं।इन सब का इस्तेमाल वह अलग-अलग चीजों के लिए करता है। भावनाएं व्यक्त करने के लिए आंख और पूंछ का इस्तेमाल, तेज दांत और तेज नाखून लड़ने के लिए, दो कान जो बहुत कम आवाज को सुन सकते हैं और नाक जो किसी चीज का पता आसानी से लगा सकती है। कुत्ते की कम आवाज को सुनने की क्षमता का कारण है कि यह 45,000 कंपन प्रति सेकंड (Frequency) वाली आवाज को भी सुन सकता है जबकि मनुष्य सिर्फ 20,000 कंपन प्रति सेकेंड (Frequency) तक की आवाज ही सुन सकता है। कुत्ते की सुनने की क्षमता इंसानों से बहुत ज्यादा होती है जोकि लगभग हजार गुना ज्यादा है और सुनने की क्षमता लगभग 5 गुना ज्यादा होती है। यदि इनके शारीरिक तापमान की बात की जाए तो एक स्वस्थ कुत्ते का शरीर का तापमान 100 से 102.5 डिग्री फारेनहाइट (fahrenheit) के बीच होता है। अगर इसे सेल्सियस में देखा जाए तो यह 38 से 39.2 डिग्री सेल्सियस (Celcius) होगा और साथ ही कुत्ता दस अलग-अलग तरह की आवाज में भोंक सकता है।
कुत्ता खाने में फल, दूध, रोटी, सब्जी, मांस और मछली इत्यादि सभी चीजें खा लेता है क्योंकि यह सर्वाहारी होता है मगर पहले जब इंसान ने इसे पालना शुरू नहीं किया था अर्थात जब यह जंगली था तब यह सिर्फ मांस ही खाता था।
अगर हम कुत्ते के जीवन काल की बात करें तो कुत्ते की उम्र लगभग 10 से 13 वर्ष की होती है। कुत्ते की उम्र उसकी नस्ल और आकार पर भी निर्भर करती है। अक्सर देखा गया है कि छोटे आकार के कुत्ते बड़े आकार वाले कुत्तों से ज्यादा अधिक जीते हैं। उदाहरण के लिए डाक्सहूण्ड (Dachshund) जो कि एक छोटे आकार वाला कुत्ता है की उम्र लगभग 12 से 16 वर्ष की होती है वहीं अगर देखा जाए ग्रेट डेन (Great Dane) जो कि एक बड़े आकार वाला कुत्ता है कि आयु सिर्फ लगभग 8 से 10 वर्ष ही होती है।
कुत्ता कुदरत के द्वारा दिया गया एक अनमोल जीव है जो बहुत ही वफादार समझदार एवं स्वामी भक्ति वाला प्रकृति का होता है। कुत्ते के अंदर भी भावनाएं होती हैं और वह भी भावनाओं को समझ सकते हैं इसलिए हमें कभी भी किसी कुत्ते या किसी और जीव को कभी नहीं मारना चाहिए और उनसे हमेशा अच्छे से बर्ताव करना चाहिए क्योंकि प्रकृति पर सबका हक है।
कुत्ते का वैज्ञानिक नाम Canis lupus familiaris और भेड़िए का वैज्ञानिक नाम सिर्फ Canis lupus है। कुत्ते के वैज्ञानिक नाम में familiaris अतिरिकत इसलिए जुड़ा हुआ है क्यूंकि यह पालतू होता है और यह आस-पास के माहौल में जल्दी घुल मिल जाता है और आसानी से मित्र भी बन जाता है।
इनका ब्लड ग्रुप भी 13 अलग-अलग प्रकार का होता है जबकि मनुष्य का ब्लड ग्रुप सिर्फ चार प्रकार का होता है जो इस प्रकार से है A, B, AB, O एवं कुत्ते की शारीरिक संरचना भी अलग-अलग होती है। इनकी शारीरिक संरचना इनकी नसल पर निर्भर करती है।
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जैसा की आप सब जानते हैं कि कुत्ता एक चार पैर वाला जीव है जिसकी दो आंखें, दो कान, एक नाक, एक पूछ और तेज दांत के साथ तेज नाखून होते हैं।इन सब का इस्तेमाल वह अलग-अलग चीजों के लिए करता है। भावनाएं व्यक्त करने के लिए आंख और पूंछ का इस्तेमाल, तेज दांत और तेज नाखून लड़ने के लिए, दो कान जो बहुत कम आवाज को सुन सकते हैं और नाक जो किसी चीज का पता आसानी से लगा सकती है। कुत्ते की कम आवाज को सुनने की क्षमता का कारण है कि यह 45,000 कंपन प्रति सेकंड (Frequency) वाली आवाज को भी सुन सकता है जबकि मनुष्य सिर्फ 20,000 कंपन प्रति सेकेंड (Frequency) तक की आवाज ही सुन सकता है। कुत्ते की सुनने की क्षमता इंसानों से बहुत ज्यादा होती है जोकि लगभग हजार गुना ज्यादा है और सुनने की क्षमता लगभग 5 गुना ज्यादा होती है। यदि इनके शारीरिक तापमान की बात की जाए तो एक स्वस्थ कुत्ते का शरीर का तापमान 100 से 102.5 डिग्री फारेनहाइट (fahrenheit) के बीच होता है। अगर इसे सेल्सियस में देखा जाए तो यह 38 से 39.2 डिग्री सेल्सियस (Celcius) होगा और साथ ही कुत्ता दस अलग-अलग तरह की आवाज में भोंक सकता है।
कुत्ता खाने में फल, दूध, रोटी, सब्जी, मांस और मछली इत्यादि सभी चीजें खा लेता है क्योंकि यह सर्वाहारी होता है मगर पहले जब इंसान ने इसे पालना शुरू नहीं किया था अर्थात जब यह जंगली था तब यह सिर्फ मांस ही खाता था।
कुत्ते को कभी भी चॉकलेट नहीं खिलानी चाहिए क्योंकि इससे उसकी मौत तक हो सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि चॉकलेट में थियोब्रोमाइन (Theobromine) पाया जाता है।
आज मनुष्य कुत्ते की मदद कई कामों में लेता है। आजकल कुत्ते का उपयोग घर की सुरक्षा करने, अपराधियों को ढूंढने एवं विस्फोटक पदार्थों का पता लगाने के लिए होता है। यह इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि कुत्ता बहुत बुद्धिमान जानवर होता है और वह मनुष्यों की भावनाओं को भी समझ पाता है और अपने मालिक के प्रति बहुत वफादार होता है।
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कुत्ता कुदरत के द्वारा दिया गया एक अनमोल जीव है जो बहुत ही वफादार समझदार एवं स्वामी भक्ति वाला प्रकृति का होता है। कुत्ते के अंदर भी भावनाएं होती हैं और वह भी भावनाओं को समझ सकते हैं इसलिए हमें कभी भी किसी कुत्ते या किसी और जीव को कभी नहीं मारना चाहिए और उनसे हमेशा अच्छे से बर्ताव करना चाहिए क्योंकि प्रकृति पर सबका हक है।